शुक्रवार, 24 अप्रैल 2015

अवध-ज्योति का वंशीधर शुक्ल विशेषांक
(कल की डाक से मिला)




(जनवरी-मार्च-2015)वंशीधर शुक्ल जी अवधी जन जीवन के बडे कवि हैं।डा.रामबहादुर मिश्र द्वारा संपादित की जाने वाली इस पत्रिका की निरंतरता हमे चकित करती है बिना किसी संसाधन के अवधी साहित्य की सेवा करने का बीडा उठाए रामबहादुर जी सचमुच सराहनीय कार्य कर रहे हैं।किंतु इस अंक के संपादन और सामग्री संचयन का श्रेय भाई दिनेश त्रिपाठी शम्स को जाता है।प्रस्तुत अंक मे शुक्ल जी की चर्चित –राम मडैया,किसान की दुनिया,राजा की कोठी,कदम कदम बढाए जा और उठ जाग मुसाफिर भोर भई जैसी कुछ महान कविताओ के अलावा बेदखली जैसी श्रेष्ठ अवधी कहानी भी प्रकाशित की गई है।इसके साथ ही वंशीधर जी पर केन्द्रित समीक्षात्मक टिप्पणियो मे
 भाई विनयदास, ,अनामिका श्रीवास्तव,सीमा पांडेय, राहुल देव ,दिनेश त्रिपाठी शम्स आदि के आलेख अपनी नवीनता के कारण आकर्षित करते हैं।कुल मिलाकर इस अंक के अतिथि संपादक दिनेश त्रिपाठी शम्स के इस सराहनीय कार्य हेतु बधाई।
विशेष-
आप सभी मित्रो के लिए –रामबहाद्र मिश्र जी का यह पत्र भी प्रस्तुत है जो उत्तर प्रदेश के मुखयमंत्री जी के नाम लिखा गया है।