हमारी अवधी
पुरिखन का सुख सार हमारी अवधी मा
है परिवार हमार हमारी अवधी मा
दादी केर दुलार हमारी अवधी मा
अम्मा का है प्यार हमारी अवधी मा
अवधी मइहाँ मुल्लादाउद चंदायन लिखि गाइन
पद्मावत लिखि मलिक मोहम्मद हैं अवधी अपनाइन
अवधी मा रचि मानस तुलसी जग मा नाम कमाइन
कुतुबन मंझन शेख नबी अवधी का दिया जलाइन
पढैं-‘पढीस’ –‘पँवार’ हमारी अवधी मा
‘बंशी’ कै गुंजार हमारी अवधी मा
है ‘उन्मत्त’ बहार हमारी अवधी मा
‘रमई” कै बौछार हमारी अवधी मा
डाँ अशोक अज्ञानी
प्रवक्ता हिन्दी
राज.हुसेनाबाद इण्टृर कालेज ,चौक, लखनऊ
फोन:09415956733
सोमवार, 27 अप्रैल 2009
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1 टिप्पणी:
अब तो हम भी बस गए अवध मा
बहुत अच्छा वर्णन
धन्यवाद ,
मयूर
अपनी अपनी डगर
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