प्रिय भाई,
अरुन शेखर जी,
जल्दबाजी मे जो ददुआ
की सेवा बन पडी भेज रहा हूं।
ददुआ
हम ना करिबै और
गुलामी /ठकुरन की ड्यौढी(डेहरी)पर जाय
फडक रही है भुजा
हमारी /हम से और सहा ना जाय।
ददुआ आवा ददुआ
आवा/ददुआ आवा ददुआ आय।(टेक)
शेर रहा बुन्देलखंड
का /आहट से धरती थर्राय
चित्रकूट से चम्बल
घाटी /सब ददुआ की दहसत आय।
ददुआ आवा ददुआ
आवा/ददुआ आवा ददुआ आय।(टेक)
1.
ऐसी ददुआ वैसी
ददुआ/जैसी देखौ ददुआ आय
कांपै पूरी चम्बल
घाटी/पीपल के पत्ते की नाय।
तीस कोस के ठाकुर
कांपैं/सबका पौरुस गवा बिलाय
परै सामना जब ददुआ ते/
कैयौ खौफ खाय मरि जांय।
ददुआ आवा ददुआ
आवा/ददुआ आवा ददुआ आय।(टेक)
2.
कित्ते मारे कित्ते
काटे/कितनो की ली आंख निकाल
कलम कर दिए कित्ती
गरदन/कितने गांव हुए बेहाल।
टेक रही बजरंग बली
की /मन्दिर दिए कई बनवाय
खून डकैती का चसका
बस/और न कोई नशा सुहाय।.
ददुआ आवा ददुआ
आवा/ददुआ आवा ददुआ आय।(टेक)
3.
लिखे सैकरन खून
डकैती/थाने मा ददुआ के नाम
लूटपाट हिंसा का
मतलब/होना ही था ये अंजाम।
बहुत दिना मा बनी
योजना/बहुत दिना भटकी सरकार।
जब धोखे से घेर लिया
तब/ गोली कर गई सीना पार।
पागल हाथी दौड रहा
था/उसकी अक्किल गई हेराय
ढेर हो गया ददुआ
यकबक/मिली मौत कुत्ते की नाय।
ददुआ आवा ददुआ
आवा/ददुआ आवा ददुआ आय।(टेक)
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@भारतेन्दु मिश्र
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