बुधवार, 2 मार्च 2016

प्रिय भाई,
अरुन शेखर जी,
जल्दबाजी मे जो ददुआ की सेवा बन पडी भेज रहा हूं।



ददुआ
हम ना करिबै और गुलामी /ठकुरन की ड्यौढी(डेहरी)पर जाय
फडक रही है भुजा हमारी /हम से और सहा ना जाय।
ददुआ आवा ददुआ आवा/ददुआ आवा ददुआ आय।(टेक)
शेर रहा बुन्देलखंड का /आहट से धरती थर्राय
चित्रकूट से चम्बल घाटी /सब ददुआ की दहसत आय।
ददुआ आवा ददुआ आवा/ददुआ आवा ददुआ आय।(टेक)
1.
ऐसी ददुआ वैसी ददुआ/जैसी देखौ ददुआ आय
कांपै पूरी चम्बल घाटी/पीपल के पत्ते की नाय।
तीस कोस के ठाकुर कांपैं/सबका पौरुस गवा बिलाय
परै सामना जब ददुआ ते/ कैयौ खौफ खाय मरि जांय।
ददुआ आवा ददुआ आवा/ददुआ आवा ददुआ आय।(टेक)
2.
कित्ते मारे कित्ते काटे/कितनो की ली आंख निकाल
कलम कर दिए कित्ती गरदन/कितने गांव हुए बेहाल।
टेक रही बजरंग बली की /मन्दिर दिए कई बनवाय
खून डकैती का चसका बस/और न कोई नशा सुहाय।.
ददुआ आवा ददुआ आवा/ददुआ आवा ददुआ आय।(टेक)
3.
लिखे सैकरन खून डकैती/थाने मा ददुआ के नाम
लूटपाट हिंसा का मतलब/होना ही था ये अंजाम।
बहुत दिना मा बनी योजना/बहुत दिना भटकी सरकार।
जब धोखे से घेर लिया तब/ गोली कर गई सीना पार।
पागल हाथी दौड रहा था/उसकी अक्किल गई हेराय
ढेर हो गया ददुआ यकबक/मिली मौत कुत्ते की नाय।
ददुआ आवा ददुआ आवा/ददुआ आवा ददुआ आय।(टेक)
###
@भारतेन्दु मिश्र



कोई टिप्पणी नहीं: