बंसीधर कै बात निराली
सबके दादा सबके भैया
अवधी जीवन क्यार गवैया
बंसीधर कै बात निराली|
उनकी कबिता माँ झलकति है
सब किसान की दुनिया
चमकि रहे हैं गाँव देस के
मोलहे बुधई – झुनिया
टिका न कौनौ उनके समुहे
तिकडमबाज बवाली |
राजा की कोठी माँ की बिधि
लगा खून का गारा
सगरी कथा बतायेनि दउआ
यूं किसानु कस हारा
नए बिचारन की कबिताई
जस भोरहे की लाली|
गाँव देस सब जानै उनका
मनई सबते नीक
अवधी क्यार निराला हैं ई
नई बनाएनि लीक
उनहेनि के जनमे ते हुइगै
माटी अमर मनेउरा वाली|
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