सोमवार, 28 अगस्त 2017

लक्ष्मण प्रसाद मित्र रचनावली के संपादक

 रामबहादुर मिसिर जी को

   बधाई|# भारतेंदु मिश्र 

अवधी चेतना और अवधी साहित्य में सतत प्रयासरत भाई रामबहादुर मिसिर जी का स्वागत कीजिए ,वे लगभग 25 वर्षों से अवधी की पत्रिका अवध ज्योति निकाल रहे हैं|इसके साथ ही अनेक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आधुनिक अवधी में रच चुके हैं|उनके संस्थान से पचास से अधिक अवधी चेतना की किताबें भी प्रकाशित हो चुकी हैं|वो जिनके विकास में लगे हैं वो लोग अत्यंत पिछड़े दीन हीन समाज के हैं|स्वयं रामबहादुर जी भी प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक ही हैं|तात्पर्य यह कि किन सीमित साधनों से उन्होंने अवधी के विकास का संकल्प लिया यह विचारणीय है|इनदिनों मिसिर जी अवधी के स्मृति शेष कवि लक्ष्मण प्रसाद मित्र (1906-1988 )-रचनावली संपादित कर रहे हैं यह जानकर मन गदगद है|'बाण शैया ' उनका नाटक 1932 में प्रकाशित हुआ था|सतनजा-उनका कविता संग्रह और अनेक अवधी नाटक उनके अप्रकाशित ही रहे|उनकी रचनावली का प्रकाशन मेरे लिए सुखद कौतूहल का विषय है|मैंने महमूदाबाद सीतापुर में उनके खँडहर होचुके घर को देखा है| रामबहादुर जी ने जो आवरण भेजा है वह मित्रों के लिए साझा कर रहा हूँ -

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