# किस्सा अनामिका बहिनिया क्यार (ललाम लेख-9)
#मिसिर भारतेंदु
ऐ भैया अनामिका बहिनिया क्यार किस्सा बहुत सुनाई देत आय | येहिमा का सच्चाई आय ..भैया याक मास्टरनी चौतीस जगह नौकरी कस करी ? सब जगह ते तन्ख्वाहौ लेत रही| करोड़न रुपया वहिके खाते मा जमा हुइगा - झाँसी,सहारनपुर ,कानपुर,बाराबंकी और न जाने कतने जिला के बेगुनाह बेसिक छिच्चा अधिकारी बिचारे हैरान आय| यह मास्टरनी तो बहुतै हुसियार निकरी| अपनि धुंधली फोटू चपकाय के चौतीस जगह नौकरी ज्वाइन कीन्हेसि| है ना बड़े कमाल कि बात , बड़ी हिम्मति चही..भैया|
सुनित आय कि पंद्रह महीना ते वा मास्टरनी येही तना चौतीस सहरन के स्कूलन मा हमरे देसवा के उत्तर परदेस के नौनिहालन का पढावति आय| मालुम होति है या मास्टरनी योगमाया कि बिद्या पढेसि है| वा चौतिस रूप धरि लेत होई| का बतायी भैया,सकल ते वहिका कौनौ जानिही न पावा| कोरोना काल कि माया तो न आय काहेते वा पहिलेहे ते नौकरी कै रही रहै|..हमका लागति आय छिच्छा अधिकारी बिचारे कौनेव बड़के नेतवा के चक्कर मा फंसि गे | अब जोगी का मालुम परी तब देखेव|
बताओ भैया , अतनी बेरोजगारी के जमाने मा ई मास्टरनी का इत्ती जगह नौकरी कस मिली होई? ऐ पत्तरकार भैया तनी येहि तिकड़म कि तरकीब तो बताओ | आधार कार्ड तो एक्कै होत है मनई का तो या अनामिका कस चौतिस जिला छिच्छा अधिकारी कार्यालय के बेगुनाह कर्मचारिन का धोखा दैके साफ निकर लीन्हेसि| मुला याक बात तो यहौ आय कि अनामिका के नंबर बहुत नीक रहें | होय चहै फर्जी वा जहां अर्जी लगाएसि सब जगह वाहिका चुनाव हुइगा | वहिकी किस्मत बहुतै नीक आय| अब द्याखो मनई हजारन जगह नौकरी कि अर्जी लगावत है तबहू सबका नौकरी नाई मिलत हवै|
ई कुछ बौड़म पत्तरकार बतावत आंय कि येहिमा बड़ा भ्रष्टाचार भवा है| ई सब बेरोजगार नौजवानन के दुसमन आंय| अरे अब नौकरी दीन गई तो यहूमा बुराई हवै|अनामिका बहुत हुसियार रही तो वाहिका चौतीस जगह नाम आय गवा ,अब वहिकी हुसियारी का कस रोकि लीन जाय| अरे उत्तर परदेस मा हजारन अनामिका तो होइबे करिहैं , वुइ हुसियारी न देखाय पायीं तो घर मा बैठिके चूल्हु फुकती हुइहै कितो मुहबाइल पकरे बकवाहि करती होइहैं |अब जो पढी लिखी मेहनती करी तो वहेक नाम मेरिट मा आयी| अनामिका क्यार नाम आय गा तो का कीन जाय|भगति भाव से बेरोजगारी ख़तम करे कि तरकीब समझो| अब ई तना के काम न होंय तो और अब छिच्छा विभाग मा कौन कमाई बची है? कुल जमा यहै तो एकु विभाग बचा है जेहिमा सब तनी मस्ती काट सकति हैं|
अल्लेव , यू का भवा ? सुनित है कि अनामिका बहिनी कहेनि कि -वुइ कहूं नौकरी नहीं कइ रही हैं| यह तो बहुतै बेढंगी बात होइगै| दुनिया भरेमा ढोलकिया बाजी ,वुइ कहती हैं नाजी नाजी| अब जो भगत अवधिया हैं उनहू का समझेक परी कि-
बिद्यावान गुनी अति चातुर /रामा काज करिबे को आतुर||
खाली येहि मार्ग पर चले ते काम न बनी|
जय अवधी /जय अवधिया
#भारतेंदु मिश्र
अवधी समाज
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